Prashant kumar:--In My world

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मुन्ना सरकिट संवाद

Posted by prashant kumar in
सरकिट : भाई, ये अमेरिका का दुकानदार अपुन को भोत चीट किया।
मुन्ना : क्यों क्या हुआ सरकिट?
सरकिट: भाई वो अपुन को बोला कि ये रेडियो अमेरिका में बना है मगर ये इदर आके बोलता ये आल इंडिया रेडिया है।



मुन्ना भाई: सरकीट, तुम अपने नये जॉब में पइलेच दिन लेट नाईट तक काम किया? नया जॉब भोत पसंद आया तेरे कू?
सरकिट: अरे भाई, उदर कंप्यूटर के कीबोर्ड में ए बी सी सही ऑर्डर में नहीं लगा था उसी को सही करते करते इतना टैम लग गया।





मुन्नाभाई: अरे सरकिट आज तो जाह्न्वी के सामने अपुन की वाट लग गयी।
सरकिट :क्या हुआ भाई?
मुन्नाभाई: वो बोली कि अपनी अंगेजमेंट पर तुम मेरेकु रिंग देगा ना, तो मैं बोला श्योर रिंग देगा तुम बताओ लैंडलाईन पर या मोबाइल पर।



मुन्ना : अरे सरकिट गाड़ी में बम ध्यान से लगा, कहीं लगाते लगाते ही न फट जाये।
सरकिट: चिंता मत कर भाई, अपुन के पास एक और बम है।



मुन्ना: अरे सरकिट तेरा बर्थडे कब का है?
सरकिट: तेरह अक्टूबर
मुन्ना: कौन से साल?
सरकिट : भाई, हर साल।



मुन्ना: अरे सरकिट, गाड़ी के व्हील काये को उतार रहा है?
सरकिट: भाई देखता नहीं है इदर लिखेला है कि पार्किंग फॉर टू व्हीलर्स ओन्ली।



मुन्ना: सरकिट इस गाड़ी का नाम क्या है।
सरकिट : पता नहीं भाई, मगर टी से स्टार्ट होता है।
मुन्ना: बड़ी कमाल की कार है भाई, अपुन का कार तो पैट्रोल से स्टार्ट होता है।



मुन्ना: भाई, अगर दुशमन का पनडुब्बी आयेंगा तो उसे कैसे मारेंगे?
सरकिट: भोत सिंपल है भाई, जाके बस दरवाजे पर नॉक करने का, वो उसे खोल देंगे।



मुन्ना: कमाल की बात है सरकिट इदर अमेरिका में इमेल से भी शादी होती है।
सरकिट: पर भाई अपन के उदर तो सिर्फ फीमेल से ही शादी होती है।
(एक पुरानी मेल पर आधारित)

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